
पृथ्वी शॉ की फाइल फोटो© ट्विटर
बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को भारत के क्रिकेटर पृथ्वी शॉ और शहर की पुलिस को एक नोटिस जारी किया, जिसमें सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सपना गिल द्वारा दायर एक याचिका पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी, जिसमें उनके खिलाफ कथित रूप से हमला करने और एथलीट से पैसे मांगने के लिए दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी। पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) इस साल फरवरी में दर्ज की गई थी, जब गिल और उसके दोस्तों ने सेल्फी लेने को लेकर उपनगरीय मुंबई के एक होटल के बाहर शॉ और उसके कुछ दोस्तों के साथ हाथापाई की थी। गिल ने बाद में 23 वर्षीय बल्लेबाज के खिलाफ जवाबी शिकायत दर्ज कराई।
जस्टिस एसबी शुकरे और एमएम सथाये की खंडपीठ ने गुरुवार को पुलिस और शॉ को उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की गिल की याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले को जून में सुनवाई के लिए पोस्ट कर दिया।
गिल के वकील अली काशिफ खान ने पीठ को बताया कि पुलिस की मुंबई के इस क्रिकेटर से मिलीभगत है और सोशल मीडिया प्रभावित करने वाले के खिलाफ एक फर्जी मामला दर्ज किया है।
खान ने पुलिस को उपनगरीय अंधेरी में होटल के अंदर से सीसीटीवी फुटेज हासिल करने और सुरक्षित रखने के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग की, ताकि यह दिखाया जा सके कि हाथापाई से पहले वास्तव में क्या हुआ था।
गिल ने याचिका में पुलिस को निर्देश देने की भी मांग की कि मामले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया जाए।
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